आज पूर्व सांसद डॉ उदित राज के नेतृत्व में ईवीएम हटाओ राष्ट्रीय मोर्चा का प्रतिनिधि मंडल कामरेड सीताराम येचुरी से मिला |



आज ईवीएम हटाओ राष्ट्रीय मोर्चा के संयोजक व पूर्व सांसद डॉ उदित राज के नेतृत्व में एक प्रतिनिधि मंडल श्री सीताराम येचुरी, प्रधान महासचिव, सीपीआई (एम) से दिल्ली में मुलाकात किया और इवीएम हटाकर बैलेट पेपर से चुनाव कराने के सम्बन्ध में एक ज्ञापन दिया जिसकी प्रतिलिपि साथ संलग्न है | श्री सीताराम येचुरी जी ने आश्वाशन दिया कि इवीएम के विरुद्ध बड़ा कदम उठाएंगे और इण्डिया गठबंधन के नेताओं से बात-चीत करेंगे |

डॉ उदित राज जी ने कहा कि ईवीएम का मुद्दा राजनैतिक पार्टियों से सम्बन्धित है और उन्हें ही इसे हटाने के लिये आगे आना चाहिए उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि यदि किसी के साथ रेप हुआ हो और वह इसके विरुद्ध लड़ाई न लड़े इस डर से कि उसकी बेइज्जती हो जायेगी यह ठीक बात नहीं है | इवीएम से बेईमानी का मुद्दा जन जन की जुबान पर आ गया है | अब डरने से काम नहीं चलेगा बल्कि लड़ने से काम चलेगा | यदि आगे इवीएम से चुनाव होता है तो राजनीतिक पार्टियों के अस्तित्व पर भी प्रश्न चिन्ह लग जायेगा | क्योंकि चुनाव विचारधारा से नहीं इवीएम से ही जीते जायेंगे |

ईवीएम हटाओ राष्ट्रीय मोर्चा के प्रतिनिधियों ने ज्ञापन सौंपते हुए अपने विचार व्यक्त किये | उन्होंने कहा कि ईवीएम से वोट की चोरी हो रही है, ऐसा नागरिकों को विश्वास हो गया है कि यह इंडिया गठबंधन के लिए अच्छी बात है। कॉंग्रेस पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव श्री जयराम रमेश ने अगस्त 2023 में चुनाव आयोग को मिलने का समय माँगा, जब कोई जवाब न मिला तो अक्तूबर में फिर पत्र लिखा । 20 दिसंबर, 2023 को फिर चुनाव आयोग को लिखकर समय माँगा परंतु कोई उत्तर न मिला तो ऐसे हालात में 30 दिसंबर को एक और पत्र लिखा जाता है । इससे सिद्ध होता है कि ज़रूर कुछ गड़बड़ी है। इंडिया गठबंधन का जब जंतर-मंतर में सांसदों के निलंबन पर धरना था तो कांग्रेस के अध्यक्ष श्री मल्लिक़ार्ज़ुन खरगे ने जब अपने भाषण में पूछा कि बीजेपी कैसे 400 से ज़्यादा लोक सभा में सीटें पाने का दावा कर रही है, तो जनता की तरफ़ से जवाबी नारा लगा ईवीएम-ईवीएम । ऐसे में कैसे राजनीतिक दल मुँह मोड़ सकते हैं? अगर ये सोचते हैं कि EVM का मुद्दा उठाने से कार्यकर्ता वोट देने नहीं निकलेगा तो यह ग़लत फ़हमी है । पार्टी का कार्यकर्ता मान बैठा है कि EVM से वोट की चोरी हो रही है। ऐसे में लड़ना ही होगा और जोश में आएं और दूरगामी सोच यह होनी चाहिए कि हारें भी तो कारण EVM माना जाएगा। यह इंडिया गठबंधन की सभी पार्टियों के लिए लाभकारी होगा। दुनिया के ज़्यादा शिक्षित और टेक्नोलॉजी की समझ रखने वाले देशों ने EVM को अलविदा कह दिया है तो भारत में क्यों नही?